गूगल पर निर्भर न रहे, पुस्तकों से जुड़े

आज पत्रकारिता के अनेक रूप हमारे सामने आ गए है न सिर्फ समाचार पत्र, टीवी बल्कि सोशल मीडिया भी एक ऐसा जर्नलिज्म बन गया है जिसमे बिना सोचे समझे ऐसी वीडियो वायरल हो जाती है जिसका समाज पर बहुत गलत प्रभाव पड़ता है इसीलिए मैं कहना चाहता हूँ की जिज्ञासु बनो, सवाल पूछने की हिम्मत और सच लिखने का जज़्बा रखो यही पत्रकारिता है यह कहना था वीर अर्जुन के संस्थापक अनिल नरेंद्र का जो मारवाह स्टूडियो के ओरिएंटेशन प्रोग्राम का उद्घाटन करने पहुंचे। इस अवसर पर विशेष अतिथियों के रूप में पत्रकार आशीष सिंह, पत्रकार शिव कुमार राय, सुनील पाराशर और संदीप मारवाह उपस्थित रहे। संदीप मारवाह ने कहा कि मेरे पास जो भी ज्ञान का खजाना है वो सब मेरे छात्रों के लिए है और मैं चाहता हूँ कि वो जितना ज्ञान मुझे ले सकते है लें, आज मुझे ख़ुशी है की इतने दिग्गज पत्रकारों के साथ खुद ही ज्ञान बटोर रहा हूँ। सुनील पाराशर ने कहा कि माँ बाप और गुरु अगर आपको किसी बात को लेकर डांटते है तो उसमे भी आपके लिए कुछ अच्छा ही ज्ञान होता है अगर आप उसे सुन लेते हो तो आपके लिए जिंदगी का सफर आसान हो जाता है। आशीष सिंह ने कहा कि पत्रकारिता सपना नहीं है यथार्थ है और एक मिशन है, अगर आप अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठा सकते है और आपके शब्दों में ताकत है तो आप इस क्षेत्र के लिए अग्रसर हो। शिव कुमार राय ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा की आप [ुरी तरह गूगल पर निर्भर न रहे हर रोज़ कुछ समय न्यूज़पेपर और पुस्तकों को ज़रूर दे, क्योकि कोई कार्य करने के लिए देश और समाज की समझ होना बहुत ज़रूरी है। 

टिप्पणियाँ