दिल्ली की सभी बसों में 29 अक्टूबर से महिलाओं का सफर फ्री 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में किया इसका एलान 

ये कदम महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा, सशक्तिकरण एवं उनके सपने साकार करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा, सीसीटीवी लगने से महिलाओं को सुरक्षा की अनुभूति हो रही है, मैं आपमें से एक हूं, यही मेरी सबसे बड़ी ताकत है : अरविंद केजरीवाल



“आज दिल्ली की अपनी सभी बहनों के लिए मैं अपना फर्ज अदा कर रहा हूं। इससे दिल्ली की हमारी सभी बहनों की सुरक्षा बढ़ेगी। उनका सशक्तिकरण होगा। वे अपने सपने हासिल करने के लिए मजबूत बनेंगी। हमने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि दिल्ली की सभी बसों में और मेट्रो में सभी महिलाओं के लिए यात्रा फ्री की जाएगी। आज मैं उसमें से पहली घोषणा करना चाहता हूं। 29 अक्टूबर को भाई दूज का दिन है। 29 अक्टूबर से दिल्ली की सभी बसों- डीटीसी बसें, क्लस्टर बसें- के अंदर के महिलाओं के लिए सफर फ्री होगा। मेट्रो में भी महिलाओं के लिए सफर फ्री करना है, उसके लिए भी हम लोग काम कर रहे हैं।“ स्वतंत्रता दिवस के मौके पर छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ये बातें कहीं। 


मुख्यमंत्री ने ये भी कहा, “कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि केजरीवाल सब कुछ फ्री करते जा रहे हैं। ऐसे लोगों से मैं कहना चाहता हूं कि मैं पैसे खा नहीं रहा। मैं पैसे का गबन नहीं कर रहा। मैं पैसे की चोरी नहीं कर रहा। मैं पैसे की चोरी करके स्विस बैंकों में जमा नहीं करा रहा। मैं पैसे अपने घर लेकर नहीं जा रहा। आपके ही टैक्स के पैसे जो कल तक चोरी हो जाया करते थे, जो कल तक स्विस बैंकों में पहुंच जाया करते थे, उसी टैक्स के पैसे को रात-दिन मेहनत करके, एक-एक पाई-पाई बचाकर आप लोगों को नई-नई सुविधाएं दे रहे हैं। अगर मैं अपने दिल्ली के बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिक्षा फ्री में देता हूं तो क्या मैं गलत करता हूं? क्या बच्चों को सरकारी स्कूलों में फ्री शिक्षा नहीं मिलनी चाहिए? हम प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले की शानदार शिक्षा सरकारी स्कूलों में फ्री में दे रहे हैं। हम अपने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक के अंदर, पॉली क्लीनिक के अंदर, अस्पतालों के अंदर अगर लोगों को फ्री दवाइयां, फ्री टेस्ट, फ्री ऑपरेशन कर रहे हैं, तो बताइये क्या गलत कर रहे हैं? क्या दिल्ली की जनता का फ्री में इलाज नहीं होना चाहिए? अगर हम लोगों ने पैसे बचाकर आपकी 200 यूनिट तक बिजली फ्री कर दी, आपका पानी मुफ्त कर दिया, तो बताइये क्या गलत किया?”


अरविंद केजरीवाल ने कहा, “आज मंदी का दौर है। लोगों की तनख्वाह बढ़ नहीं रही है। कारोबार बंद हो रहे हैं। लेकिन खर्चे बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में आपका मुख्यमंत्री होने के नाते आपकी बिजली और पानी फ्री करके आपके जेब में तीन-चार हजार रुपये डाल देता हूं तो क्या गलत कर रहा हूं? मैंने आपके ऊपर कोई नया टैक्स नहीं लगाया। उल्टे पांच साल अंदर दिल्ली सरकार ने टैक्स कम किये। केवल एक ही काम किया है, निहायत ही ईमानदारी से काम करके आपके पैसे बचाए हैं, उसी से आपकी बिजली और पानी फ्री किया है। कुछ लोगों का कहना है कि केवल महिलाओं का टिकट फ्री क्यों किया जा रहा है। ये महिलाओं और पुरुषों की बराबरी के खिलाफ है। मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या हमारे देश में जेंडर इक्वलिटी है? क्या हमारे देश में महिलाओं को बराबर का अधिकार मिलता है? नहीं मिलता। आज हमारे देश में कई ऐसे लोग हैं, कई ऐसे परिवार हैं कि अगर पैदा होने से पहले पता चल जाए कि पेट में लड़की है तो उसी के मां-बाप उसकी हत्या करवा देते हैं। हम कैसे कह सकते हैं कि हमारे देश में लड़कियों को बराबरी का अधिकार है? देश में कई ऐसे परिवार हैं, जहां एक बेटा है, एक बेटी है, और एक बच्चे को पढ़ाने के पैसे हैं, तो मां-बाप बेटे को पढ़ाते हैं, बेटी को नहीं पढ़ाते हैं। हम कैसे कह सकते हैं कि हमारे देश में बराबरी का अधिकार है? दिल्ली में जितनी भी कामकाजी लोग हैं, उनमें से केवल 11 फीसदी महिलाएं हैं। आज दिल्ली की बसों में, दिल्ली की मेट्रो में केवल 30 फीसदी महिलाएं सफर करती हैं।“ 


अरविंद केजरीवाल ने कहा, “हम ये जो काम करने जा रहे हैं, इससे महिलाओं को अपने सपने पूरे करने में बहुत बड़ी सहायता मिलेगी। हमारी जो बेटियां पढ़ाई करना चाहती थीं, कॉलेज में एडमिशन मिल गया, लेकिन कॉलेज घर से बहुत दूर है, कॉलेज तक जाने में काफी पैसे खर्च करने पड़ेंगे, तो घरवाले कहते हैं कि रहने दो। अब ऐसी बेटियां कॉलेज जा सकेंगी। स्कूल बहुत दूर है, आने-जाने के पैसे नहीं हैं, तो घरवाले कहते थे कि रहने दो। ऐसी बेटियां स्कूल जा सकेंगी। ऐसे बहुत सी महिलाएं हैं, जो काम करना चाहती हैं, लेकिन काम की जगह बहुत दूर है, आने-जाने के लिए पैसे नहीं हैं, अब ऐसी सभी महिलाओं के सपने पूरे होंगे। जब तक हमारे देश में महिलाएं, पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम नहीं करेंगी और उनके साथ बराबरी का सहयोग नहीं करेंगी, तब तक इस देश की तरक्की नहीं हो सकती। कुछ दिन पहले जब हमने इस स्कीम का ऐलान किया तो सबसे ज्यादा खुशी दिल्ली के दुकानदारों को हुई। उन्होंने कहा कि महिलाएं शॉपिंग करने खूब आया करेंगी। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि मंदी का जो दौर चल रहा है, महिलाओं को शॉपिंग के लिए अगर दूर जाना है तो वह हिचकेंगी नहीं और इससे अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।“ 


 

सरकारी स्कूलों में लागू होगा देशभक्ति-पाठ्यक्रम

 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। दिल्ली सरकारी स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर, प्राइवेट स्कूलों से ज्यादा बेहतर हो गये हैं। सरकारी स्कूलों के नतीजे शानदार आने लगे हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का माहौल बना है। पिछले दो-तीन साल से सरकारी स्कूलों के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आने लगे हैं। कई मां-बाप प्राइवेट स्कूलों से अपने बच्चों को निकालकर सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवा रहे हैं। इसके अलावा पूरी शिक्षा व्यवस्था के अंदर गजब का विश्वास पैदा हुआ है। 

अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा, गांधी जी ने कहा था कि शिक्षा के तीन लक्ष्य होने चाहिए, वो अच्छा इंसान बने, वो अपने परिवार के भरण-पोषण लायक बने, वो सच्चा और कट्टर देशभक्त बने। मुझे बेहद खुशी है कि हैप्पीनेस कैरिकुलम हमारे बच्चों को अच्छा इंसान बना रहा है। हमने आन्ट्रप्रनर्शिप कैरिकुलम भी शुरू किया है, जिसमें बच्चों को सिखाया जाता है कि नौकरी मांगने वाले के बजाय नौकरी देने वाले बनना। इसके तहत हमारे बच्चों को बिजनेस करना सिखाया जा रहा है। इस तरह, शिक्षा को लेकर गांधी जी के बताये गये दो लक्ष्यों पर हम काम कर रहे हैं। गांधी जी की तीसरी बात पर अब काम करने का समय आ गया। गांधी जी ने कहा था कि जब हमारे बच्चे स्कूल से शिक्षा पूरी करके निकलें तो वह सच्चे देशभक्त बनें। अब हमारे स्कूलों के अंदर देशभक्ति का पाठ्यक्रम चालू किया जाएगा। हमें हर बच्चे के अंदर देशभक्ति का जज्बा भरना है। देश भर के लोगों से राय लेकर देशभक्ति-पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। मैं उम्मीद करता हूं कि अगले शैक्षिक सत्र से इसे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लागू कर दिया जाएगा।


 

सीसीटीवी लगने से महिलाओं को सुरक्षा की अनुभूति हो रही है

 

मुख्यमंत्री ने ये भी कहा, “दिल्ली के अंदर अपनी बहनों की सुरक्षा को लेकर मैं चिंतित रहता हूं। हालांकि दिल्ली पुलिस हमारे अधीन नहीं है लेकिन हमारे अधिकार क्षेत्र जो कुछ भी आता है, हम उसे पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। अभी पूरी दिल्ली के अंदर सीसीटीवी कैमरे लग रहे हैं। जहां-जहां सीसीटीवी कैमरे लग रहे हैं वहां-वहां से खासतौर पर महिलाएं मुझसे मिलने आ रही हैं। वे बहुत खुश हैं। उन्हें अब सुरक्षा की अनुभूति हो रही है। महिलाएं अब जब घर से बाहर निकल रही हैं तो सुरक्षित महसूस कर रही हैं। ये बहुत जरूरी बात है। मैं दिल्ली की सारी महिलाओं से कहना चाहता हूं कि जब आपके इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगें, तब आप खुद खड़े होकर सीसीटीवी कैमरे लगवाइयेगा। ठीक से सीसीटीवी कैमरे लगवाइयेगा। जहां आप कहेंगी, कैमरे वहीं लगेंगे। अगर आपको दो कैमरे एक्स्ट्रा लगवाने हैं, तो वो भी लगाए जाएंगे। आपकी सुरक्षा के लिए हम कुछ भी करेंगे।“ 


 

मैं आप में से एक हूं, यही मेरी सबसे बड़ी ताकत है

 

अरविंद केजरीवाल ने कहा, “पांच साल पहले आप लोगों ने हमें चुनकर हमारी सरकारी बनाई। मेरे जैसे एक आम आदमी को दिल्ली की इतनी बड़ी जिम्मेदारी दे दी। दिल्ली का मुख्यमंत्री बना दिया। ये केवल और केवल बाबा साहेब आम्बेडकर के संविधान की वजह से हुआ कि एक आम आदमी भी इतनी बड़ी कुर्सी पर बैठ सकता है। मैं आप में से एक हूं, यही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। मैं किसी राजनीतिक परिवार से नहीं आता। मैं किसी रईस परिवार से नहीं आता। मैं बिलकुल आम आदमी हूं। यही कारण है कि मैं आपकी समस्याओं को समझ पाता हूं। एक आम आदमी कितनी मुश्किल से अपना घर चलाता है, ये मैं बखूबी समझता हूं क्योंकि मैंने भी उतनी ही तंगी के अंदर अपना घर चलाया है। मैंने अपने मां-बाप को उतनी ही तंगी के अंदर घर चलाते देखा है। चूंकि मैं एक आदमी की समस्याओं को समझता हूं, इसलिए आपके सारे मुद्दे, आपके बच्चों की पढ़ाई, स्कूल, अस्पताल, बिजली, पानी, सड़क, सीवर, ये मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकताएं होती हैं।“ 

मुख्यमंत्री ने ये भी कहा, “आज के पांच साल पहले जब हम लोगों ने दिल्ली की सरकार संभाली थी, दिल्ली के अंदर एक निराशा का माहौल था। चारों तरफ निराशा ही निराशा थी। रोज बिजली की कटौती होती थी। हर साल बिजली के दाम बढ़ा करते थे। पानी आता नहीं था। सड़कें टूटी पड़ी थीं। सीवर ओवरफ्लो करते थे। आज हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि लोगों को लगने लगा है कि दिल्ली बदल तो सकती है। आज दिल्ली पूरे देश को ये उम्मीद दे रही है कि बिजली 24 घंटे आ तो सकती है। सरकारी स्कूल ठीक हो तो सकते हैं। सरकारी अस्पतालों में अच्छा इलाज हो तो सकता है। बिजली मुफ्त हो तो सकती है। पानी मुफ्त हो तो सकता है। आज दिल्ली ने पूरे देश को आशा की किरण जगाई है। हमारे शहीदों ने जो सपना देखा था, उसी सपने को आज हम दिल्ली में पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।“ 


टिप्पणियाँ