बैंकर सम्मेलन – विचार योजना तथा विमर्श हेतु अभियान


बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा अंचलों के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाली सभी शाखाओं को शामिल करते हुए अंचल स्तर पर 17 अगस्त, 2019 को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सुयोजन तथा कार्यनिष्पादन समीक्षा हेतु बॉटम-अप विचार विमर्श प्रक्रिया के पहले चरण का आयोजन किया गया है। प्रधान कार्यालय, पुणे से श्री ए.सी. राउत, कार्यपालक निदेशक और पुणे शहर अंचल के अंचल प्रबंधक श्री प्रशांत खटावकर ने भी विचार और विमर्श योजना की प्रक्रिया में सहभाग लिया।



यह विचार तथा विमर्श योजना का पहला अवसर था जिसमें शाखाओं को स्वत: ही अपने कार्य निष्पादन की समीक्षा करने, बैंकिंग क्षेत्र के समक्ष मुद्दों पर विचार-विमर्श करने तथा भावी रणनीतियों की ओर संकेत करने के लिए कहा गया था। यह विचार-विमर्श अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में ऋण वृद्धि, नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी के उपयोग और विशाल डेटा विश्लेषण को सक्षम करने और बैंकिंग को नागरिक-केंद्रित बनाने के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों, किसान, छोटे उद्योगपति, उद्यमी, युवा, छात्र और महिलाओं की जरूरतों और आकांक्षाओं के लिए अधिक संवेदनशील बनाने के लिए विभिन्न चर्चा बिंदुओं पर केंद्रित थे।
इस बैठक में बैंक के निष्पादन और राष्ट्रीय प्राथमिकता क्षेत्र के साथ सुयोजन पर विचार किया गया जैसे
1. अवसंरचना/ उद्योग (एमएसएमई व कृषि और संबद्ध गतिविधियां) के लिए ऋण
2. कृषि क्षेत्र व ब्लू अर्थव्यवस्था के लिए ऋण
3. जल शक्ति
4. आवास ऋण
5. एमएसएमई/ मुद्रा/ स्टैंड अप इंडिया
6. एमएसएमई : स्थानीय प्राथमिकताओं के साथ सुयोजन
7. शिक्षा ऋण
8. निर्यात ऋण
9. ग्रीन अर्थव्यवस्था


10. स्वच्छ ऋण (स्वच्छता गतिविधियों हेतु ऋण)
11. वित्तीय समावेशन और महिला सशक्तिकरण
12. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण
13. कम नकद / डिजिटल अर्थव्यवस्था
14. एटीएम प्रयोग व निष्पादन
15. ईज़ ऑफ लिविंग
16. कार्पोरेट सामाजिक दायित्व


विचार विमर्श के परिणामस्वरूप, कई नए सुझाव सामने आए कि किस प्रकार सामान्यत: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और विशेष रूप से बैंक ऑफ महाराष्ट्र समाज के विभिन्न वर्गों की आकांक्षाओं पर खरे उतर सकते हैं और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देकर अपने कार्यनिष्पादन में सुधार ला सकते हैं। सभी शाखा/ अंचल स्तरीय सुझावों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर के विचार विमर्श तथा कार्यान्वयन के लिए भेजा जाएगा।



देश की संपूर्ण आर्थिक वृद्धि में सक्रिय और उद्देश्यपरक सहभागिता को ध्यान में रखते हुए इस विचार विमर्श की प्रक्रिया से बैंक
पदाधिकारियों में नए सिरे से सहभागिता की भावना विकसित हुई है।


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