2000 मेगावाट सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना के कार्यान्वयन के लिए असम सरकार और एनएचपीसी के बीच समझौते पर हस्ताक्षर


2000 मेगावाट की सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना के कार्यान्वयन के लिए असम सरकार और एनएचपीसी लि. के बीच 23 अगस्त 2019 को गुवाहाटी (असम) में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए । असम सरकार की ओर से श्री नीरज वर्मा, प्रधान सचिव (विद्युत), असम सरकार तथा एनएचपीसी की ओर से श्री बलराज जोशी, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर श्री जनार्दन चौधरी, निदेशक (तकनीकी), एनएचपीसी, सुश्री सैयदा हसीना मुर्शिद रहमान, सचिव (विद्युत) असम सरकार, श्री ए के मिश्रा, प्रबंध निदेशक (एनएचडीसी), श्री अरविंद भट्ट, कार्यपालक निदेशक, सुबनसिरी (लोअर) परियोजना व एनएचपीसी और राज्य सरकार से आए अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।


सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना देश की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है, जो वर्तमान में 2000 मेगावाट की संस्थापित क्षमता और 7421.59 मिलियन यूनिट की वार्षिक उत्पादन क्षमता के तहत निर्माणाधीन है । यह परियोजना असम व अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित है । ब्रह्मपुत्र बोर्ड द्वारा परिकल्पना की गई जल प्रपात विकास का एक हिस्सा होने के नाते, यह परियोजना सुबनसिरी नदी में पानी को कम करके बाढ़ से राहत भी प्रदान करेगी। एनएचपीसी ने बाढ़ के पानी और मिट्टी के कटाव की जाँच के लिए बहाव क्षेत्र में सुबनसिरी नदी के दोनों किनारों पर संरक्षण कार्य किए हैं।
एनएचपीसी डाउनस्ट्रीम में विकासात्मक कार्यों का कार्यान्‍वयन भी कर रही है, जिसमें अन्य बातों के साथ आजीविका संबंधी और अवसंरचनात्मक विकासात्मक कार्य शामिल हैं। परियोजना के निर्माण से क्षेत्र में चहुमुखी विकास होगा और समग्र अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
यह उल्लेखित है कि कुछ दबाव समूहों द्वारा आंदोलन के कारण 2011 से सुबनसिरी जलविद्युत परियोजना की निर्माण गतिविधियों को रोक दिया गया था । कई समितियों ने परियोजना का मूल्यांकन किया और उपचारात्मक उपायों का सुझाव दिया, सभी तकनीकी आशंकाओं को स्वीकार किया गया और कानूनी बाधाओं को दूर किया गया। बारिश का मौसम समाप्त होने के बाद एनएचपीसी परियोजना के निर्माण कार्य को फिर से शुरू करने के लिए तैयार है। एनएचपीसी स्थानीय लोगों के सहयोग से परियोजना को पूरा करने हेतु पूर्णतया प्रतिबद्ध है।


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