नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, फरीदाबाद के अंतर्गत एनएचपीसी द्वारा “महात्मा गांधी का भाषा चिंतन” विषय पर संगोष्ठी आयोजित


नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, फरीदाबाद के तत्वावधान में एनएचपीसी लिमिटेड द्वारा दिनांक 10.07.2019 को फरीदाबाद में “महात्मा गांधी का भाषा चिंतन” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर नराकास, फरीदाबाद के तत्वावधान में आयोजित इस हिंदी संगोष्ठी के मुख्य अतिथि श्री निखिल कुमार जैन, निदेशक (कार्मिक), एनएचपीसी लिमिटेड ने इस संगोष्ठी का उद्धघाटन पारंपरिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर के किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री निखिल कुमार जैन, निदेशक (कार्मिक) ने कहा कि महात्मा गांधी जी ने हिंदी को केवल भाषा ना मानते हुए सदैव देश की सांस्कृतिक विरासत माना। गांधी जी ने हिंदी को संपर्क भाषा के रूप में अपनाते हुए पूरे देश को आजादी के आंदोलन से जोड़ा और यह हिंदी भाषा की ही ताकत थी जिससे पूरा राष्ट्र देश प्रेम की कड़ी से जुड़ा। गांधी जी ने कहा था सभी हिंदुस्तानियों के लिए राष्ट्रभाषा यानी हिंदी को सीखना परम आवश्यक है। इस अवसर पर प्रो. आर.के. पांडेय, महानिदेशक (एनपीटीआई), श्री अविनाश कुमार, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन), एनएचपीसी लिमिटेड तथा डॉ. राजबीर सिंह, महाप्रबंधक (राजभाषा), एनएचपीसी लिमिटेड उपस्थित थे।   


संगोष्ठी के दौरान एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक श्री जे.एस. राजपूत, केंद्रीय हिंदी निदेशालय के पूर्व निदेशक व सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार डॉ॰ गंगा प्रसाद विमल, गांधी भवन के निदेशक प्रो॰ रमेश भारद्वाज तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. अनिल राय तथा जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के  प्रो. डॉ. एम.पी. शर्मा, संस्कृति मंत्रालय के निदेशक श्री वी.पी. गौड़ और अन्य विद्वानों ने महात्मा गांधी के भाषा चिंतन एवं उनकी भाषा दृष्टि पर अपने अपने विचार प्रतिभागियों के समक्ष रखे। इस संगोष्ठी में एनएचपीसी लिमिटेड सहित अन्य नराकास सदस्य कार्यालयों के 75 से अधिक कार्मिकों ने भाग लिया।


इस संगोष्ठी आयोजन में एनटीपीसी लिमिटेड, इंडियन ऑयल कारपोरेशन तथा बीपीसीएल का सहयोग सराहनीय रहा।


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