व्यापारियों का आंकलन -भाजपा को मिलेगा स्पष्ट बहुमत - 300 के करीब मिलेगी सीटें श्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन का सरकार बनने की पूर्ण सम्भावना

वर्तमान चुनाव के छठे मतदान के बाद अब लगभग यह निश्चित हो गया है की आगामी 23 मई को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को भारी बहुमत मिलना तय है और श्री मोदी के नेतृत्व में देश में अगली सरकार बनेगी |कॉन्फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के व्यापारियों और उन्होंने अपने ग्राहकों एवं अन्य लोगों से चुनाव में लोगों के ट्रेंड और विचारों के आधार पर हुए वोटिंग पैटर्न की समीक्षा करने के बाद यह फीडबैक दिया है जिसके आधार पर संभावित है की भाजपा 300 सीटों के करीब ले जायेगी वहीं एनडीए के घटक दल भी 45 से 50 के बीच में सीट ले जाएंगे और 23 मई के बाद देश में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सरकार बनेगी !


इस बार देश भर के व्यापारियों ने कैट की अपील पर खुले मन से न केवल भाजपा एवं सहयोगी दलों को वोट दिया है बल्कि उनके समर्थन में एक बड़ा अभियान भी चलाया है ख़ास तौर पर व्यापारियों ने अपने कर्मचारियों और व्यापार से सम्बंधित अन्य लोगों को श्री मोदी के नाम पर वोट देने के लिए प्रेरित किया है। इन सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है की व्यापारियों ने इस क्रम में अपनी दुकान पर आने वाले ग्राहकों से भी बातचीत करते हुए श्री मोदी को वोट देने का आग्रह किया ! देश में लगभग 7 करोड़ व्यापारी हैं जो लगभग 30 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं और इस बार व्यापारियों एवं उनके कर्मचारियों ने एक मजबूत वोट बैंक के रूप में देश भर में मतदान किया है।


इस फीडबैक के आधार पर हुए आंकलन में भाजपा को यूपी में 50 से 60 के बीच, महाराष्ट्र में 22 से 25 पश्चिम बंगाल में 15 से 25, आसाम में 10 , मध्य प्रदेश में 23, राजस्थान में 22 , गुजरात में 23, पंजाब में 4, हरियाणा में 8, दिल्ली में 7, बिहार में 15, उत्तर पूर्व में 6, छत्तीसगढ़ में 7, ओडिशा में 14, झारखण्ड में 10 , तमिलनाडु में 4, कर्नाटक में 20, जम्मू कश्मीर में 3, हिमाचल प्रदेश में 3, केरल में 6, गोवा में 2, उत्तराखंड में 3, आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं ! 


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की देश भर में व्यापारियों और अन्य लोगों से बातचीत करने पर यह सामने आया की श्री राहुल गाँधी का शुरू से नकारात्मक प्रचार लोगों को अच्छा नहीं लगा ! चौकीदार चोर है से शुरू होकर श्री गाँधी एवं अन्य विपक्षी नेताओं ने जिस तरह से श्री मोदी को गालियां दी और उन पर व्यक्तिगत प्रहार किया वो कांग्रेस एवं विपक्षी दलों के लिए ही भारी पड़ गया और लोगों को पसंद नहीं आया ! विपक्षी दल गत पांच वर्षों में सरकार को उसके काम काज को लेकर कटघरे में खड़ा करने में विफल रहे ! महंगाई जैसे संवेदनशील मुद्दे को विपक्ष भूना ही नहीं पाया ! व्यक्तिगत आलोचना के अलावा कोई राष्ट्रीय मुद्दा विपक्षी दलों के पास नहीं था ! श्री गाँधी द्वारा केवल किसानों को रियायतें देने की घोषणा का अन्य वर्गों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है ! जो करदाता वर्ग है वो श्री गाँधी की इस घोषणा से नाराज़ रहा ! उनका कहना था की कर हम दें और श्री गाँधी उसको मुफ्त में किसी अन्य वर्ग को बाँट दें, वो स्वीकार नहीं है। वहीं विपक्षी एकता में बिखराव भी एक बड़ा कारण रहा जिसका पूरा लाभ भाजपा और उसके सहयोगी दलों को मिला है ! आम लोगों में एक धारणा पक्की थी की वर्तमान में श्री मोदी का कोई विकल्प नहीं है और हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुए विवाद यदि भविष्य में और होते हैं तो श्री मोदी के अलावा कोई दूसरा नेता उसका जवाब नहीं दे पायेगा और उसका भी लाभ भाजपा एवं सहयोगी दलों को मिला है ! वहीं पश्चिम बंगाल में हो रही लगातार हिंसा से ममता बनर्जी के प्रति लोगों का मोह भंग हुआ है और वो वोट भाजपा को एक विकल्प के रूप में गया है।


वहीं दूसरी ओर चुनावों के ठीक बीच 19 अप्रैल को कैट द्वारा राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन में श्री मोदी द्वारा व्यापारियों को सम्बोधित करने से देश भर में व्यापारियों में उत्साह हुआ और सारे व्यापारी भाजपा के पक्ष में लामबंद हो गए। इसके साथ ही भाजपा के संकल्प पत्र में एक राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड, 60 वर्ष की आय से अधिक के व्यापारियों को पेंशन, जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों को 10 लाख का दुर्घटना बीमा, राष्ट्रीय रिटेल ट्रेड पालिसी, व्यापारी क्रेडिट कार्ड आदि क़दमों ने भी व्यापारियों को भाजपा की तरफ झुकाया ! देश भर में लोगों से हुई बातचीत में यह भी सामने आया की श्री मोदी राष्ट्रवाद को चुनाव का बड़ा मुद्दा बनाने में सफल रहे जो सीधा लोगों के दिल से जुड़ा ! सरकार की आयुष्मान भारत योजना और मुद्रा स्कीम ने छोटे वर्ग के लोगों में भाजपा की पैठ बनाई वहीं स्टार्ट अप इंडिया और स्किल डेवलपमेंट जैसे कार्यक्रमों से युवा भाजपा की तरफ आकर्षित हुए !श्री गाँधी एवं अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा श्री मोदी पर किये जाते रहे व्यक्तिगत हमलों से श्री मोदी को वोटरों की सहानुभूति भी मिली हैसंगठनात्मक रूप से भाजपा बाकी सभी दलों से चुनाव में काफी आगे निकल गई ! भाजपा कैडर ने देश भर में पूरे समर्पण से काम किया वहीं दूसरे दलों ने वोटरों से व्यक्तिगत सम्पर्क नहीं साधा और केवल रैलियों पर ही उनका चुनाव अभियान केंद्रित रहा। यह भी सही है की अनेक क्षेत्रों में लोगों की नाराजगी भाजपा उम्मीदवारों से रही किन्तु श्री मोदी के सघन अभियान के कारण उनका वोट भी भाजपा को पड़ा और वो कहते सुने गए की हमने तो वोट मोदी को दिया है।


जहाँ महागठबंधन में बेहद बिखराव था और गठबंधन के दल विभिन्न राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे वहीं एनडीए गठबंधन पूरी तरह से एकजुट था ! उत्तर प्रदेश में सपा -बसपा एक होकर चुनाव लड़ रहे थे लेकिन सपा कार्यकर्ताओं ने बसपा उमीदवार के लिए और बसपा कार्यकर्ताओं ने सपा उमीदवार के लिए कोई काम नहीं किया और कार्यकत्र्ता स्तर पर उनमें तालमेल का अभाव था !


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