नेशनल फॉर्म फ़ॉर मूमेंट ऑन एजुकेशन का प्रर्दशन

 

"नेशनल फॉर्म फ़ॉर मूमेंट ऑन एजुकेशन" के आहवान पर मंगलवार को देश भर से करीब 10 हजार शिक्षा परिसर से सम्बंधित स्कूल टीचर,कॉलेज, यूनिवर्सिटी प्रोफेसर, छात्र,अभिभावक,गैर शैक्षणिक कर्मचारी एवंम जनप्रतिनिधियों ने मंडी हॉउस- नेपाल भवन से जंतर-मंतर तक गगनभेदी नारों के साथ मार्च किया। जंतर-मंतर पर मार्च एक विशाल आम सभा में तब्दील हो गया। इस सफल कार्यक्रम की अध्यक्षता N.FM.E.की चेयरपर्सन नन्दिता नारायणा,D.U.T.A. के अध्य्क्ष प्रोफेसर राजीव रे,A.I.F.U.C.T.O.के महासचिव अरुण कुमार,राष्ट्रीय सयोंजक अमिया कुमार मोहंती एवमं S.T.F.I. के महासचिव चन्द्र नवदीप भारती आदि ने सयुंक्त रूप से की।

 

जंतर-मंतर पर आयोजित आम सभा को संबोधित करते हुए  वक्ताओं कहा कि वर्तमान की केंद्र व राज्य सरकारें सार्वजनिक शिक्षा से पल्ला झाड़ रही है, जो किसी भी दृष्टि से देशहित में नही है। इसके साथ ही प्रगतिशील व वैज्ञानिक दृष्टि की शिक्षा से हटकर शिक्षा के मूल ढांचे को व्यपारीकरण, भगवाकरण, एवमं लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमले करके इसे बर्बाद किया जा रहा है। राष्ट्रीय महासचिव सी एन भारती ने कहा कि शिक्षा का स्तर किसी भी समाज व राष्ट्र के भविष्य को तय करता है ,सुखद भविष्य के लिए शिक्षा का प्रगतिशील व वैज्ञानिक चेतना से युक्त होना जरूरी है। जो राष्ट्र इस लीक पर चले हैं वे आज तरक्की की नई बुलंदियों को छू रहे हैं। परंतु 21वीं सदी की आवश्यकताओं व चुनोतियोँ पर भारत की शिक्षा राजनीतिक कमजोर व स्वार्थी दृष्टि के कारण खरी साबित नही हो रही है। इसलिए आज का यह शिक्षा जगत का महाकुम्भ राजनेतिक पार्टियों से मांग करता है कि भावी लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी- अपनी पार्टी की जनशिक्षा नीति का जरूर उल्लेख करें ताकि शिक्षा समुदाय देश हित मे सही राजनीतिक फैसला ले पाएं।आज के शिक्षा महाकुंभ को अनेक राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने मंच पर आकर जनशिक्षा की मांगों व मुद्दों का समर्थन किया। जिनमें मुख्यता उदित राज सांसद भाजपा,कॉमरेड निलोपल बसु, कॉमरेड बृंदा करात, दोनों पूर्व सांसद एवं पोलिट ब्यूरो सदस्य माकपा ,कॉमरेड नारायणा एवं कॉमरेड अमरजीत कौर के अतिरिक्त आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि ने भी सम्बोधित किया।

 

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ राष्ट्रीय चेयरमैन सुभाष लांबा ने भी अपने संगठन की और से शिक्षा जगत के मुद्दों का समर्थन किया। उन्होंने आहवान किया कि 21 फरवरी को पुरानी पेंशन बहाली व कच्चे कर्मचारियों/टीचरों को पक्का करवाने हेतू इसी जगह पर राष्ट्रीय स्तर का प्रदर्शन करेगा ।सभी से उसमें बढ़चढ़ कर शामिल होने की अपील की।

 

प्रर्दशन के मुख्य मुद्दे:

 

परी प्राइमरी से स्नातकोत्तर तक समस्त शिक्षा ,शिक्षा अधिकार कानून के तहत राज्य सरकार मुफ्त दे,सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाए,सकल घरेलू उत्पाद का 10% शिक्षा पर खर्च किया जाए, सभी टीचरों व कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जाये। सभी प्रकार के कच्चे टीचरों व कर्मचारियों को बिना शर्त पक्का किया जाये,शेष सभी टीचरों व गैर शैक्षणिक रिक्त पदों को नियमित भर्ती द्वारा ही भरा जाए, महिला अध्यापिकाओं व छात्राओं के लिंगभेदीक मुद्दों को सकारात्मक प्राथमिकता देते हुये हल किया जाए आदि है ।वक्ताओ ने अंत मे कहा आज का विशाल प्रदर्शन तो सफल है ही परंतु जब तक जनशिक्षा के मुद्दों का समाधान नही होता ,यह साँझा संघर्ष जारी रहेगा न केवल देश की राजधानी दिल्ली में बल्कि देश के तमाम राज्यों, शहरों,कस्बों, गांवों व चौपालों व घर घर तक जारी रखा जाएगा

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