भारत के प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी की गरिमामयी उपस्थिती में 3 फरवरी 2019 को विजयपुर, जिला सांबा (जम्मू एवं कश्मीर) में एनएचपीसी लिमिटेड, जम्मू एवं कश्मीर राज्य विद्युत विकास विभाग (जेकेपीडीडी) और जम्मू एवं कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम (जेकेएसपीडीसी) के मध्य 850 मेगावाट रतले जलविद्युत परियोजना (जम्मू एवं कश्मीर) के निष्पादन के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) का हस्तांतरण किया गया। यह कार्यक्रम श्री सत्य पाल मलिक, माननीय राज्यपाल,जम्मू एवं कश्मीर, डॉ. जितेंद्र सिंह, पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय के माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), डॉ. निर्मल सिंह, माननीय अध्यक्ष, जम्मू एवं कश्मीर विधान सभा, श्री जुगल किशोर शर्मा, माननीय संसद सदस्य और श्री शमशेर सिंह मन्हास, माननीय संसद सदस्य इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री अनिरुद्ध कुमार, संयुक्त सचिव (हाइड्रो), विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार, श्री रतीश कुमार, निदेशक (परियोजनाएं), एनएचपीसी, श्री एन.के. जैन, निदेशक (कार्मिक), एनएचपीसी, श्री एम.के. मित्तल, निदेशक (वित्त), एनएचपीसी, श्री जनार्दन चौधरी, निदेशक (तकनीकी), एनएचपीसी और एनएचपीसी, जेकेपीडीडी, जेकेएसपीडीसी और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे इससे पूर्व, श्री बलराज जोशी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी नेएनएचपीसी की ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जबकि श्री हिर्देश कुमार, आयुक्त / सचिव, जम्मू एवं कश्मीर सरकार एवं प्रबंध निदेशक, जेकेएसपीडीसी नेजेकेपीडीडी और जेकेएसपीडीसी की ओर से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए परियोजना को एनएचपीसी और जेकेएसपीडीसी के बीच एक संयुक्त उद्यम के माध्यम सेनिष्पादित किया जाएगा।
जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित, रतले जलविद्युत परियोजना चिनाब नदी पर एक रन ऑफ रिवर / पॉन्डेज योजना है यह परियोजना भारत औरपाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि 1960 के अंतर्गत आती हैपरियोजना की 850 मेगावाट (4x205 MW + 1x30 MW) स्थापित क्षमता होगी और इसे 90% आश्रितवर्ष में 3136.80 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन करते के लिए डिज़ाइन किया गया है। परियोजना की अनुमानित लागत 6215.61 करोड़ रुपए है। इस परियोजना केनिर्माण से इस क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक और बुनियादी ढांचे के विकास के वृद्धि के अलावा रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
एनएचपीसी जलविद्युत परियोजनाओं के विकास के क्षेत्र में विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार की एक श्रेणी-ए मिनीरत्न कंपनी है। इसने 2 संयुक्त उद्यम परियोजनाओं सहित 7071.2 मेगावाट की संयुक्त संस्थापित क्षमता की 24 परियोजनाएं (सहायक कंपनियों एवं नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं सहित) संचालित की हैं । कंपनी के पास 3 परियोजनाएं (3800 मेगावाट) निर्माणाधीन हैं जिसमें जम्मू व कश्मीर में जेकेएसपीडीसी के साथ संयुक्त उद्यम में 1000 मेगावाट पकल दुल परियोजना भी शामिल है।
