चेतना के स्वर का लोकार्पण

कवि व साहित्यकार देश भक्ति और राष्ट्रीयता जैसे विषयों पर अधिक से अधिक साहित्य सृजन करें- विधान सभा अध्यक्ष, श्री रामनिवास गोयल 



  • • पर्यावरण संतुलन और वन्य जीवन को सुरक्षित रखने के लिए भी अधिक से अधिक साहित्य लिखने की जरूरत- श्री गोयल


दिल्ली विधान सभा के अध्यक्ष, श्री रामनिवास गोयल ने कवि व साहित्यकारों का आह्वान किया कि वे राष्ट्र को उन्नत और समृद्धशाली बनाने के लिए देश भक्ति और राष्ट्रीयता जैसे विषयों पर अधिक से अधिक साहित्य सृजन करें ताकि समाज व देश में लोग उन रचनाओं से प्रेरित होकर अपने परिवार समाज और देश की सेवा में समर्पित भाव से काम कर सकें।


श्री गोयल ने उक्त विचार आज अपने कार्यालय में प्रसिद्ध रचनाकार श्री कुमार हृदयेश के काव्यसंकलन 'चेतना के स्वर का लोकार्पण करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर विधान सभा के पूर्व सचिव श्री पी. आर. मीणा, लेखक और साहित्यकार श्री महेश दर्पण व अन्य प्रतिष्ठित लोग भी उपस्थित थे।


श्री गोयल ने कहा कि समाज के सर्वांगीण विकास में कवियों और साहित्यकारों की विशेष भूमिका होती है। क्योंकि वे लोग समाज के विभिन्न पहलुओं पर फिर चाहे वह संस्कृति, संस्कार, नैतिक मूल, देश प्रेम, भक्ति, राष्ट्रीयता और कौमी एकता जैसे विषय हों उनपर साहित्य सृजन कर अपने विचार रखते हैं जिनसे समाज प्रेरणा लेकर देश की तरक्की और खुशहाली सुनिश्चित करता है।


विधान सभा अध्यक्ष ने इस अवसर पर यह भी कहा धरा, वन, पशु, पक्षी, वृक्ष, पानी और ऊर्जा भी बहुत महत्वपूर्ण विषय है और पर्यावरण संतुलन के लिए इनपर भी साहित्य सर्जना की जानी चाहिए।


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