गोरखपुर में आना सौभाग्य की बात-राष्ट्रपति।



महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्थापक सप्ताह समारोह के मुख्य महोत्सव एवं पारितोषिक वितरण समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी ने कहा कि नाथ परम्परा के महान योगी, गुरु गोरक्षनाथ की स्मृति से जुड़े , राप्ती और रोहिन नदियों के संगम क्षेत्र में बसे, गोरखपुर नगर में आना, सबके लिए बड़े सौभाग्य की बात होती है। उससे भी बढ़कर, शिक्षा से जुड़े हुए कार्यक्रम में भाग लेना, और भी सुखद संयोग है। शिक्षा विकास की कुंजी होती है। भारत के विकास का अर्थ है, भारत में शिक्षा का विकास। शिक्षा ही अच्छे व्यक्ति और समाज के निर्माण की आधारशिला भी है।  यह इस अंचल का सौभाग्य है कि गौतम बुद्ध से जुड़े कुशीनगर, श्रावस्ती, कपिलवस्तु और लुम्बिनी तथा कबीर से जुड़ा मगहर, जो संत कबीर नगर में है, गोरखपुर के ही परिक्षेत्र में स्थित है।  
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में, तथा पूरे उत्तर प्रदेश में, समग्र विकास हेतु, पूरी कर्म-निष्ठा के साथ नेतृत्व प्रदान करने के लिए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी प्रशंसा के पात्र है। प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने से पहले, एक सक्रिय सांसद के रुप में, गोरखपुर को उनका निरंतर, नेतृत्व लगभग दो दशकों से, प्राप्त हो रहा था। उन्होंने निरंतर राष्ट्रीय और प्रादेशिक मुद्दों के साथ-साथ, इस क्षेत्र की समस्याओं की ओर, सबका ध्यान आकृष्ट किया और उनके समाधान के लिए सक्रिय योगदान दिया है।
यह स्पष्ट है कि इस ‘परिषद’ के संस्थापकों ने, बहुत सोच-समझकर, इसे महाराणा प्रताप के नाम से स्थापित किया था। जैसा हम सभी जानते हैं कि असाधारण राष्ट्र-गौरव, वीरता, और आत्म-सम्मान के प्रतीक, महाराणा प्रताप ने, जनभावना की रक्षा करने के लिए, हॅसते-हॅसते, वनवासी जीवन के असहनीय कष्टों को सहन किया था। उन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग को सा थ लेकर, आजीवन संघर्ष करते हुए, पराक्रम और बलिदान के एक ऐसे स्वर्णिम अध्याय की रचना की है जो सदैव हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। आप सबके कार्यो की सार्थकता की पुष्टि तभी होगी, जब उनमें महाराणा प्रताप की जीवन-आदर्शों के अनुपालन की झलक दिखाई पड़े। 



 

 



 

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