![चित्र](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjjDbvF5HzAIe8Vcxfv93LeH27Cv68w13X70WXg3x29iNru3dF2LHl_jxt2C0FGRqZoG01NZ_a8FAc5uGmCWM_hGK5VoyWaOMQ5L0e0wgum4vrgeHcUI_t1J0QAIhQodeetCmTxMOGHbkZ45VeHS9IxWdBd_WzkdffDhyphenhyphennNId1wiuEAT6-d91NK1f1TP6c/s320/Yoga%20Day.jpeg)
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सरकार किसानों की आमदनी दुगुना करने का ढिंढोरा पीट रही है। वहीं हकीकत बिल्कुल इसके उलट है। किसान अपना धान लेकर जहाँ हैरान परेशान हैं वहीं बिचौलिया मजा मार रहे हैं। धान केंद्र पर जहां किसानों को सप्ताह से अधिक इंतजार करना पड़ रहा है वहीं किसानों को परेशान करने का हर एक जतन किया जा रहा है ताकि किसान हैरान परेशान होकर अपना धान बिचौलियों को बेच दें। जिन किसानों का किसी प्रकार से तौल किया भी जा रहा है तो शुद्धता के नाम पर उनसे मनमानी तौल किया जा रहा है। चौरी चौरा के एक किसान ने बताया कि एक महीने पहले नंबर लगाया उसके बाद एक हफ्ते से अधिक दिनों तक लाइन में इंतजार किया किसी तरह से तौल तो हो गया लेकिन प्रत्येक बोरी पर 41 किलो 200 ग्राम तौल किया गया उसके बाद 102 बोरी धान हुई लेकिन तौल प्रभारी के द्वारा बताया गया कि 100 बोरी का ही भुगतान मिलेगा। किसान ने बताया कि मेरा धान सूखा व साफ था लेकिन इन सारी चीजों के नाम पर मनमाना तौल किया गया। यही नहीं जो सहयोगी धान क्रय केंद्र हैं एकदम से तौल ही नहीं कर रहे हैं गांव से ओने पौने दामों पर धान लेकर पूरा सरकारी दाम पर तौल किया जा रहा और अपने किसी परिचित के नाम पर कागजात जमा कर पुरा भुगतान ले रहे हैं।