![चित्र](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjjDbvF5HzAIe8Vcxfv93LeH27Cv68w13X70WXg3x29iNru3dF2LHl_jxt2C0FGRqZoG01NZ_a8FAc5uGmCWM_hGK5VoyWaOMQ5L0e0wgum4vrgeHcUI_t1J0QAIhQodeetCmTxMOGHbkZ45VeHS9IxWdBd_WzkdffDhyphenhyphennNId1wiuEAT6-d91NK1f1TP6c/s320/Yoga%20Day.jpeg)
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आपको एक डिटरजेंट का वह विज्ञापन भूला नहीं होगा जिसमें यह स्पष्ट किया जाता था कि मेरी शर्ट उनकी शर्ट से बहुत अधिक साफ और चमकदार है। अब इसी तुलनात्मक दृष्टिकोण को राजनीति में उपयोग करके वांछित परिणाम प्राप्त करने की कोशिशें की जा रही हैं। किसी भी राजनीतिक दल का अपना विस्तार करने और अधिक से अधिक राज्यों में अपनी सत्ता स्थापित करने का अधिकार है। ऐसा करने के लिये पार्टियां किस्म किस्म के कदम उठाती हैं, रणनीति तय करती हैं। दिल्ली की नयी पार्टी और यहां धमाकेदार बहुमत के साथ सत्ता में आई पार्टी ने पिछले कई वर्षों में अन्य राज्यों में अपना प्रभाव क्षेत्र बढ़ाने, थोक में प्रत्याशी चुनाव में उतार कर सत्तारूढ़ होने के प्रयास किये मगर कोई बड़ी सफलता उसके हाथ नहीं लगी। ऐसा उस वचन के बावजूद किया गया कि वह दिल्ली से बाहर पांव फैलाने से गुरेज करेगी। सभी पार्टियां अपने वचन की बलि देकर आगे बढ़ने में संकोच नहीं करतीं। इसलिये अगर दिल्ली की नयी पार्टी ऐसा करती है तो उसकी आलोचना नहीं की जा सकती। इस पार्टी को अपने विस्तार के लिये निकटवर्ती राज्य हरियाणा की जमीन ज्यादा जरखेज लगती है और तभी उसने हमारे मोहल्ला क्लिनिक हरियाणा के औषधालयों से बेहतरीन होने के ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल करने का मन बना लिया है। मोहल्ला क्लिनिक की आलोचनाओं पर अगर ध्यान न दिया जाये और इनके शानदार होने के राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रचार पर गौर किया जाये तो मानना होगा कि इनसे लोगों को फायदा मिल रहा होगा। कहते हैं कि इस पार्टी का प्रचार तंत्र अन्य दलों के प्रचार तंत्र से ज्यादा असरदार है। इसलिये दिल्ली की पार्टी मोहल्ला क्लिनिकों को अन्य राज्यों और खासतौर पर हरियाणा में शोकेस करने के लिये दमखम लगा रही है। दिल्ली की पार्टी के मुखिया को किसी भी छोटे मुद्दे को बहुत बड़ा बनाने की कला में महारत है। आप जानना चाहेंगे कि मोहल्ला क्लिनिकों को क्यों इतना महत्वपूर्ण बनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत हरियाणा के सीएम की टिप्पणी से हुई जिसमें कहा गया कि इन क्लिनिकों के मायाजाल से लोगों को फायदा नहीं हो रहा, केवल इसका प्रचार किया जा रहा है। इस पर दिल्ली के सीएम ने हरियाणा के सीएम को खुद आकर इन क्लिनिकों को देखने और जनता को मिल रही सुविधाओं से रूबरु होने को कहा, पत्र लिखे। इसके अलावा हरियाणा के औषधालयों की कथित बदहाली का बखान शुरु किया और नयी पार्टी के मुखिया ने खुद करनाल जा कर वहां डिस्पेंसरी का भंडाफोड़ करने की कोशिश की मगर उन्हें वहां जाने से रोक दिया गया। इसके बाद दिल्ली के सीएम ने हरियाणी बोली में मोबाइल पर रिकार्डिड संदेश से हरियाणा के स्कूलों और औषधालयों की पोल खोलने की शुरुआत की। देखते हैं कि मेरी कमीज सबसे साफ की रणनीति नयी पार्टी के लिये वरदान साबित होगी या नहीं।