कैसे पाएं खर्राटे से मुक्ति।प्रसिद्ध हौम्योपैथ-चिकित्सक डॉ रुप कुमार बनर्जी।

 



खर्राटे की समस्या महिलाओं और पुरुषों दोनों में आम बात है। 35-40 वर्ष के बाद महिलाओं में यह समस्या होती है जबकि 25- 30 वर्ष के बाद ही पुरुषों में यह समस्या शुरू हो जाती है। विशेष रूप से बुजुर्ग खर्राटों से कमजोर हो जाते हैं। 80 साल तक बुजुर्गों को खर्राटे ज्यादा आते हैं जबकि 50- 60 साल की आयु तक महिलाओं को खर्राटे ज्यादा आते हैं। नींद में खर्राटे लेने वाले जब मजे से सो रहे होते हैं तो उन्हें पता नहीं होता कि आसपास वालों पर क्या गुजरती है। वे आमतौर पर खर्राटों की आवाज इतनी तेज होती है कि दूसरा व्यक्ति सो ही नहीं पाता या नींद से जाग जाता है। खर्राटों के बारे में आम राय यही है कि जब हमारी नाक से हवा ठीक से नहीं घुस पाती तो भीतर के स्नाऊ कंपन करते हैं और यही आवाज खराटे बन जाती है। जो लोग खर्राटे लेते हैं उनके गले और नाक के टिशु अकसर आकार में बड़े होते हैं। खर्राटे कई तरह के होते हैं। कुछ लोगों की श्वास नींद में कई बार अवरुध हो जाती है। यह एक गंभीर अवस्था है जिससे हृदय और मस्तिष्क पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। इस अवस्था में नींद पूरी नहीं होती जिससे व्यक्ति को दिन में भी थकान लगती रहती है।
खर्राटों से निजात पाने के लिए सामान्य उपचार:---



  1. करवट लेकर सोना तनाव होने पर या सोने से पहले झूठ बोलने से खर्राटे आने का खतरा हो सकता है। अगर पीठ के बल या सीधी अवस्था में सोते हैं तो भी खर्राटे की संभावना होती है लेकिन करवट लेकर सोने से खर्राटे होने का खतरा कम हो जाता है।

  2. शराब और धुम्रपान से बिल्कुल दूर रहे – नींद की गोलियां सेवन करने से तनाव बढऩे का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है, इसके साथ ही जबड़े की मांसपेशिया कड़ी हो जाती है, जिससे खर्राटे की समस्या शुरू हो जाती है l चूँकि खर्राटे हृदय रोग से जुड़ा हुआ असुरक्षित मुद्दा है इसलिए किसी भी समय नींद की गोलियों के साथ शराब का सेवन मत करें नहीं तो इसका असर उल्टा होता है।

  3. ज़्यादा वजन:--- शरीर का वजन ज्यादा है तो सोने से विशेष रूप से गर्दन की मांसपेशियो पर दवाब की स्थिति बनती है, जिससे खर्राटे की समस्या हो जाती है।इसलिये वजन को नियंत्रित रखना अत्यंत आवश्यक हैँ l

  4. दमा और एलर्जी रोगियों को यदि दमा या एलर्जी की बीमारी है तो जब वो सो रहे होते है और होठों से हवा ले रहे होते है तो खर्राटे ज़्यादा बढ़ सकते हैं।


खर्राटों से बचाव के उपाय
खर्राटों की समस्या से छुटकारा पाने लिए नाक का रास्ता साफ रखना चाहिए l नाक का रास्ता साफ रखने के लिए थोड़ा गुनगुना सरसों के तेल नाक में डाल सकते हैं। आजकल बाजार में नाक की स्ट्रिप भी मौजूद है।

आसपास के वातावरण को नम बनाएं:यह आवश्यक है कि बेडरूम का वातावरण नम रहे। हवा सूखी होने से नाक के भीतर पर्दे में परेशानी हो सकती है। इस प्रक्रिया में गले में भी खुजली और परेशानी होती है



पीठ के बल सोने पर:


अधिकांश लोग पीठ के बल सोते हैं। ऐसे में भी खर्राटे आते है। इससे सोने की आदतों में सुधार करके निबटा जा सकता है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कैसे भी सोएं, वे हर हाल में खर्राटे लेते हैं। यदि ऐसा है तो इसका इलाज अवश्य करवाइये।
ऐसे करें सुधार:



  • सोने की पोजीशन बदलना होगी। सोते समय सिर को चार इंच ऊपर उठाकर रखने से सांस लेने में मदद मिलेगी। इससे जीभ और जबड़े को आगे आने में सहायता होगी। पीठ के बल नहीं सोना चाहिए।

  • गरारे करें यदि नाक में कुछ समस्या है तो सोने से पहले नमक वाले पानी से गरारे करके सोएं। दूसरा रास्ता नाक को साफ रखने का है। इससे श्वाास लेने में मदद मिलेगी।

  • सोने का निश्चित समय रखें खर्राटे रोकने के लिए आवश्यक है कि सोने का कोई निश्चित समय हो। सही समय पर सोने जाएं और इसे न बदलें। इससे अवश्य लाभ मिलेगा।

  • नियमित योग व्यायाम करें अपने चिकित्सक से बराबर सम्पर्क में रहें lअपनी दिनचर्या नियमित रखें।


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