खुलने के दूसरे दिन ही बंद हो गया एंटी पॉवर थेफ्ट पुलिस थाना।


 

बिजली विभाग के  बिजली थाने (एंटी पॉवर थेफ्ट पुलिस थाना) पर गुरुवार को खुलने के बाद शनिवार को ताला लग गया। बताते चलें स्वतंत्रता दिवस पर चीफ इंजीनियर देवेंद्र सिंह ने बिजली थाने का उदघाटन किया और बताया कि अब बिजली चोरी के सभी मामलों में इसी थाने से एफआइआर कराई जाएगी। दो साल से बिजली थाना खोलने की कवायद चल रही थी। मोहद्दीपुर स्थित विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता के पुराने कार्यालय में थाना खोला गया है। एफआइआर के बाद जाच की प्रक्रिया भी यहीं पूरी करने की बात कही गई थी। इस थाने के खुलने से छापेमारी के पहले लोकल पुलिस पर निर्भरता भी खत्म हो गई। इससे बिजली चोरों के खिलाफ लगातार अभियान में तेज़ी आएगी। 
हैरानी की बात है कि सीएम के शहर में गुजरात मॉडल पर बना यह थाना खुलने के चौबीस घण्टे बाद ही बंद हो गया। जबकि थाने पर एक निरीक्षक 5 उपनिरीक्षक और 15 सिपाहियों की तैनाती की बात कही गई थी। दूसरे थानों में दर्ज बिजली चोरी के मामले की फाइल मंगाने और बिजली चोरी की नई एफआईआर एंटी पावर थेफ्ट थाने पर करने की बात व इस थाने की तमाम खूबियां गिनाने वाले चीफ इंजीनियर देवेंद्र सिंह ने थाने पर तैनात 21 पुलिसकर्मियों की गुमशुदगी और थाने के गेट पर लगे ताले के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर दौरे का हवाला देते हुए कोई भी जवाब देने से इंकार कर दिया। जबकि यहाँ तैनात पुलिस कर्मियों के वेतन के रूप में सरकार द्वारा जनता की गाढ़ी कमाई के लाखों रुपए खर्च किया जाएगा। बहरहाल चीफ इंजीनियर द्वारा थाने पर लगे ताले और वहां तैनात 21 पुलिसकर्मियों की गैरमौजूदगी के सवाल पर कोई जवाब न देने से ऐसा लग रहा है कि बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर देवेंद्र सिंह सीएम की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं ।

 

 



 

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