बहुस्तरीय विमर्श और विचार-मंथन हेतु ईस्ट के ऑक्सफोर्ड (पुणे) में सार्वजनिक क्षेत्र के अठारह बैंक एक मंच पर एक साथ


पांच वर्षों में देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए बैंकिंग क्षेत्र को और अधिक स्ट्रीमलाईन करने की विचार-मंथन प्रक्रिया के दूसरे दौर के दौरान पुणे शहर में शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के अठारह बैंक एक मंच पर आए।
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) महाराष्ट्र राज्य के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतर-बैंक बैठक के पहले दिन 18 पीएसबी के कार्य निष्पादन की समीक्षा की गई, इसमें उनके बीच समूह चर्चा भी की गई।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ तथा राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के अध्यक्ष श्री ए. एस. राजीव ने कहा कि पहले अर्धदिवस के दौरान सभी 18 बैंकों के कार्य निष्पादन की समीक्षा की गई और हमने वित्तीय सेवाएं विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रदत्त 16 केपीआई मानदंडों के आधार पर इन बैंकों के औसत के प्रति बेंचमार्क किया है। श्री राजीव ने कहा कि इन 18 बैंकों को अब छह समूहों में बांटा गया है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि शनिवार (दूसरे दिन) यह समूह आबंटित 16 केपीआई पर प्रेजेंटेशन देंगे। एसएलबीसी की इस बैठक में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कार्यपालक निदेशक श्री ए. सी. राउत और श्री हेमन्त टम्टा भी उपस्थित थे।
श्री जे. आर. मेनन, निदेशक, लेखा और ट्रेजरी, महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि संस्थानों द्वारा जारी किए गए नीतिगत दिशानिर्देश स्पष्ट होने चाहिए ताकि नीतियों की व्याख्या और कार्यान्वयन आसान हो और यह जमीनी स्तर तक आसानी से पहुंच जाए। नाबार्ड के सीजीएम श्री यू. डी. शिरसालकर ने अपना मत व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि के लिए सभी संस्थानों के समन्वित दृष्टिकोण से महाराष्ट्र राज्य में कृषि को समृद्ध बनाने में सहायता मिलेगी। सुश्री सुजाता अय्यर, संयुक्त निदेशक, आर्थिकी और सांख्यिकी विभाग, महाराष्ट्र सरकार और श्री एम. के. मून, सहायक महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक भी एसएलबीसी बैठक में उपस्थित थे।
बैंकिंग क्षेत्र के राष्ट्रीयकरण के पश्चात पहली बार सरकार ने बॉटम-अप विचार-मंथन दृष्टिकोण की पहल की है और शाखा स्तर के प्रबंधकों से सुझाव मांगे हैं कि आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए बैंकिंग क्षेत्र को किस प्रकार स्ट्रीमलाईन किया जा सकता है।
यह उल्लेखनीय है कि इस पखवाड़े की अवधि के विमर्श और विचार-मंथन प्रक्रिया का पहला दौर शाखा स्तर पर केंद्रित था, प्रत्येक राज्य में अंतर-बैंक स्तर पर विचार-विमर्श के पश्चात विचार संग्रहित किए जाएंगे और उन पर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा की जाएगी। राष्ट्रीय स्तर पर विमर्श और विचार-मंथन के लिए सभी पीएसबी के पूर्णकालिक निदेशक (प्रबंध निदेशक एवं सीईओ / कार्यपालक निदेशक) सहभाग लेंगे।


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