विद्युत मंत्रालय द्वारा ‘जलविद्युत विकास’ पर कार्यशाला का आयोजन


जलविद्युत के महत्व को ध्यान में रखते हुए विद्युत मंत्रालयभारत सरकार ने एनएचपीसी लिमिटेड (भारत की अग्रणी जल विद्युत कंपनीके सहयोग से 17सितंबर 2018 को इंडिया हैबिटेट सेंटरनई दिल्ली में 'जलविद्युत विकासपर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्घाटन माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)विद्युत  नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा श्री आर.केसिंह द्वारा सचिव (विद्युतश्री अजय कुमार भल्लासंयुक्त सचिव (हाइड्रो)श्री अनिरुद्ध कुमारसदस्य (हाइड्रो)सीईए श्री पी.डी सिवाल और एनएचपीसी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक श्री बलराज जोशी की उपस्थिति में किया गया ।


 


इस अवसर पर माननीय मंत्री महोदय ने जलविद्युत क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की और कहा कि जलविद्युत एक हरित अर्थव्यवस्था काआधार बन सकता है । माननीय मंत्री महोदय ने हमारी नदियों के कायाकल्प करने की आवश्यकता पर बल दिया । सचिव (विद्युतभारत सरकारश्री के.भल्ला ने अपने मुख्य संबोधन में कहा कि इस कार्यशाला का आयोजन जलविद्युत क्षेत्र में भूमि अधिग्रहणसंविदाओं से संबंधित मामलो तथा समय और लागतअधिवहित जैसे विभिन्न मुद्दों को हल करने हेतु विशेषज्ञों की राय प्राप्त करने के उद्देश्य से किया गया है। संयुक्त सचिव (हाइड्रो)भारत सरकार श्री अनिरुद्ध कुमार ने स्वागत उद्बोधन देते हुए जलविद्युत को ऊर्जा के सतत  नवीकरणीय स्रोत के रूप में उल्लेख किया । एनएचपीसी के अध्यक्ष  प्रबंध निदेशक, श्रीबलराज जोशी ने जलविद्युत के क्षेत्र में एनएचपीसी के विस्तृत अनुभवों का उल्लेख करते हुए जलविद्युत परियोजना के क्रियान्वयन में प्रशासनिक, तकनीकी-वाणिज्यिक,पर्यावरणीय तथा विभिन्न अनुमतियों जैसे घटकों का प्रमुखता से उल्लेख किया । समापन सत्र के दौरान एनएचपीसी के निदेशक (कार्मिकश्री एन.केजैन ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तावित किया व जलविद्युत विकास पर इस कार्यशाला के आयोजन में विद्युत मंत्रालय से प्राप्त प्रोत्साहन व समर्थन के प्रति कृतज्ञता प्रकट की ।


इस कार्यशाला में विद्युत मंत्रालयसीडब्ल्यूसीसीईएएनएचपीसीटीएचडीसीनीपकोएसजेवीएनएलपोसोकोबीबीएमबीविश्व बैंकनॉर्वेजियन सेंटर फॉरएक्सेलेंस ऑन स्मार्ट ग्रिड और ओक्रिज एनर्जी सहित विद्युत क्षेत्र के प्रमुख संगठनों / पीएसयू और अन्य प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से प्रमुखगणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया ।  यह कार्यशाला जलविद्युत विकास से संबंधित मुख्य पहलुओं और चुनौतियों पर विचार-विमर्श  चर्चा करने के लिएएक मंच प्रदान करते हुए अत्यधिक सफल रही। 


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